लोहाघाट। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने स्कूली बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें सलाह दी कि किसी भी विषयवस्तु का व्यावहारिक ज्ञान अर्जित कर किताबों को रटने के बजाय जीवन को प्रयोगशाला बनाकर अपने जीवन में ऊंचा लक्ष्य बनाते हुए चलना चाहिए। जीआईसी बापरू में उत्तराखंड की पहली सामाजिक विज्ञान प्रयोगशाला का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी ने कहा बच्चों में हर कार्य की उत्सुकता, जिज्ञासा रखने के साथ गुरुजनों से हर प्रकार की जानकारी लेनी चाहिए और सदैव प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। उन्होंने अपने अलग अंदाज में बच्चों के बीच गुरु की भूमिका में आकर उनसे कहा कि वह हर कार्य को अपने जीवन से जोड़कर क्रिया की प्रतिक्रिया समझने का प्रयास करें। कहा कि मछली को कोई तैरना नहीं सिखाता वह स्वयं तैरने लग जाती है। इस अवसर पर उन्होंने प्रयोगशाला का निरीक्षण कर बच्चों द्वारा तैयार विभिन्न मॉडलों को देखा तथा उनकी जानकारी प्राप्त की।
बच्चों द्वारा सौरमंडल, वायुमंडल, ज्वालामुखी, मौसम परिवर्तन, दिन-रात के बदलते स्वरूप, सोलर व विंड एनर्जी पर आधारित कई मॉडल तैयार किए गए थे, जिसमें गोकुल फर्त्याल, सौरभ उपाध्याय, प्रशांत फर्त्याल, कविता एवं बॉबी के मॉडल अव्वल रहे, जिन्हें जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
प्रधानाचार्य संजीव पंत की अध्यक्षता एवं सामाजिक विज्ञान प्रयोगशाला प्रभारी प्रकाश चंद्र उपाध्याय के संचालन में हुए कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी एम एस बिष्ट ने कहा सरकारी विद्यालयों में बच्चों के जीवन को संवारने के लिए हर स्तर पर प्रयोगशाला का उपयोग किया जाना चाहिए। सरकार एक बच्चे पर बारह हजार रुपए खर्च करती है। डायट के प्राचार्य दिनेश खेतवाल, डॉ नवीन जोशी, आर के गड़कोटी ने भी बच्चों के प्रयासों को सराहा। इस मौके पर कालाकोट के प्रधानाचार्य गिरिजेश पाण्डे, डायट के प्रवक्ता अरुण तलनियां,शिवराज तड़ागी, बाराकोट के बीडीओ एल एल वर्मा,गणेश गड़िया,मनोहर लाल आदि लोग भी मौजूद थे। इससे पूर्व जिलाधिकारी एवं सीईओ का विद्यालय परिवार द्वारा भावपूर्ण स्वागत किया गया।