
जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक नगरकोटी का कहना है कि होम्योपैथिक चिकित्सा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि रोगी को गोली चूसते रहने पर उसे आरोग्य मिलता रहता है, जबकि एलोपैथ में एक दिन गोली न खाने पर रोग पुनः उभर आता है। इस पैथी में रोग ही नहीं शरीर में इतनी रोग प्रतिरोधी क्षमता पैदा की जाती है कि शरीर में रोग प्रवेश न कर पाए। कमजोर शरीर में रोग पहले आक्रमण करता है, जिससे सरदर्द, जुखाम, पेट दर्द, खांसी,उल्टी दस्त आदि लक्षण आने लगते हैं। कोरोना महामारी के दौरान होम्योपैथिक दवाओं से इतनी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ी कि इस बीमारी को नियंत्रित करना संभव हुआ है।