चंपावत। यदि आपने जंगलों को आग व अन्य कारणों से नुकसान पहुंचाने का इरादा बनाया है, तो सावधान हो जाइए! आपके ही बीच का व्यक्ति फोटो सहित वन विभाग को इसकी सूचना देदेगा। जिसके तहत आपके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे कई लोगों की विरुद्ध विभाग ने पहली बार कठोर कदम उठाया है अब पुलिस विभाग की तरह वन विभाग में भी गांव गांव में अपने मुखबिर रख लिए हैं। यह जानकारी पिछले तीन दिनों से क्षेत्रीय भ्रमण पर आए मुख्य वन संरक्षक धनंजय मोहन ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि चंपावत जिले में पर्यटन, इको पर्यटन, साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पंचेश्वर एंग्लिंग के लिए एशिया महाद्वीप में अपनी अलग पहचान रखता है। चूका में भी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा राफ्टिंग की शुरुआत किए जाने से उसे भी एक विशिष्ट पहचान मिली है। कार्बेट ट्रेल के साथ अब यहां बर्ड वाटर के जरिए इस जिले को वैश्विक पहचान मिलेगी। अक्टूबर माह में यहां बर्ड वॉटर फेस्टिवल की शुरुआत की जाएगी। मौन पालन को कुटीर उद्योग से जोड़ा जा रहा है। हमारा उद्देश्य वनों के संरक्षण के साथ लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करने का है। समय की बदलती हुई परिस्थितियों, मानवीय संस्कृति एवं प्रवृत्ति से वनों पर अत्यधिक दबाव बढ़ता जा रहा है। आधुनिक जीवन शैली ने कार्बन के उत्सर्जन को बढ़ावा मिलने जा रहा है। जिसे कम करने के लिए हमें अपनी जीवन शैली में सुधार करना होगा। उन्होंने बताया कि वनों को आग से बचने के लिए पारंपरिक तरीकों में आधुनिकता का समावेश किया गया है तथा उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर एप्प के जरिए कोई भी व्यक्ति आग लगने की जानकारी दे सकता है। इस एप्प से वन विभाग का हर कर्मचारी एवं अधिकारी जुड़ा हुआ है, जिससे कम समय में आज की सूचनाएं मिलने पर उस पर नियंत्रण किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के अभी तक अच्छे परिणाम सामने आए हैं। वन्यजीवों एवं मानव संघर्ष के बारे में उन्होंने बताया कि शेर जैसे वन्य प्राणियों के स्वभाव को तो नहीं बदला जा सकता लेकिन लोगों को एहतियात के साथ स्वयं अपनी सुरक्षा करनी होगी। हालांकि विभाग द्वारा प्रत्येक प्रभाग में अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। संवेदनशील स्थानों में सोलर लाइट लगाई जाएगी। वन्य जीव संघर्ष को अब विभाग के हर स्तर के कर्मचारियों के प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। वनों को आग से बचने एवं इसकी के संरक्षण की मिसाल शीतलाखेत से मिलती है। मायावती वन पंचायत में वन संरक्षण एवं वृक्षारोपण की एक नयी मिशाल कायम की है। भिंगराडा में पिरुल के ब्रिकेटस् बनाने का अच्छा कार्य चल रहा है। पिरुल संग्रह के कार्य में तीन से बढ़कर अब ₹10 प्रति किलो ग्राम के हिसाब से खरीद किए जाने पर महिलाओं को अच्छा रोजगार मिल रहा है। प्रमुख वन संरक्षक ने डीएफओ नवीन चंद्र पंत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कम समय में नवाचार के जरिए हर क्षेत्र में अपनी अच्छी पहल की है। वह दिन दूर नहीं जब चंपावत मॉडल जिले में वन विभाग रोजगार के नए अवसर सृजित कर पर्यटन के हर क्षेत्र में नए आयाम देगा। पत्रकार वार्ता में कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक धीरज पांडे, डीएफओ नवीन चंद्र पंत एवं एशियप नेहा चौधरी भी मौजूद थे।

By Jeewan Bisht

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