स्वयं अपने जीवन का जोखिम उठाकर दूसरों को मौत के मुंह से खींचकर , उसे नया जीवन देने वाला मानव ही नहीं , होता है महामानव – जिलाधिकारी
चंपावत । अपने जीवन को खतरे में डालकर यदि कोई व्यक्ति मौत के मुंह में समा रहे व्यक्ति को नया जीवन देता है , तो वह साधारण मनुष्य नहीं महामानव…
