देवीधुरा। परमाणु युग में पाषाण युद्ध के लिए विख्यात बाराही धाम में इस वर्ष होने वाले बगवाल मेले की प्रारंभिक तैयारियों को लेकर मंदिर कमेटी एवं चार खाम एवं सात थोको के लोगों ने बैठक कर मेले को भव्य व आकर्षक बनाने पर चर्चा करते हुए इसके पुरातन गौरवशाली स्वरूप को बनाए रखने पर जोर दिया। इस वर्ष मेला 27 अगस्त से 10 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। मेले का मुख्य आकर्षण शताब्दियों से चली आ रही बगवाल 31 अगस्त को होगी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट की अध्यक्षता एवं महासचिव रोशन लमगड़िया के संचालन में हुई बैठक में पीठाचार्य कीर्ति शास्त्री ने मेले की तिथियों की घोषणा की। बैठक में मंदिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष खीम सिंह लमगडिया,दीपक चम्याल,जगदीश सिंहवाल, चंदन बिष्ट राजू बिष्ट, जीत सिंह चम्याल, हयात सिंह बिष्ट, दिनेश चम्याल, पंकज जोशी, विक्रम कठायत, अमित लमगडिया, रमेश राणा, जगदीश जोशी, लमगडिया खाम के प्रमुख विरेंद्र लमगडिया, चम्याल खाम के गंगासिंह, वालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट एवं गहडवाल खाम के प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट के प्रतिनिधि दीपक सिंह बिष्ट, श्रीगुरों के प्रतिनिधि भूपाल सिंह ने कहा कि बाराही धाम में मां बाराही के कृपा पात्र एवं भारत सरकार में उच्च पद पर सेवारत हीरा बल्लभ जोशी द्वारा मंदिर कमेटी व चार खामों के सहयोग से जो विशाल विश्व कल्याण महायज्ञ आयोजित किया था जिसमें जगद्गुरु शंकराचार्य समेत तमाम विद्वान संतो के पदार्पण से इस स्थान को और ख्याति मिली है। श्री जोशी द्वारा बाराही धाम पर वेबसाइट तैयार किए जाने से इस वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से मां बाराही के उपासकों के आने की उम्मीद है। जिसे देखते हुए मंदिर कमेटी और चारों खामों से जुड़े लोगों की काफी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं।
वक्ताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस मेले को उत्तराखंड के सरकारी मेलो की सूची में शामिल किए जाने से अब इस मेले की भव्यता व दिव्यता में और निखार आएगा। वक्ताओं ने मेले के लिए शासन से पर्याप्त धनराशि आवंटित करने की भी मांग की।