चंपावत। राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के अवसर पर विकास भवन सभागार में मत्स्य विभाग द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जनपद के विभिन्न मत्स्य पालकों ने भी प्रतिभाग कर अपने अपने अनुभवों को साझा किया तथा कुछ किसानों द्वारा उनको हो रही समस्याओं को भी मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत के सम्मुख रखा।
गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनपद चंपावत को आदर्श चंपावत बनाए जाने की मंशा के अनुरूप जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक विकास कार्य किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़े जाने हेतु मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। लगातार इच्छुक मत्स्य पालकों को मत्स्य तालाब देने के साथ ही मत्स्य किसानों को समय समय पर मत्स्य बीज, हैंड नेट, मत्स्य आहार आदि दिए जाते हैं और किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा हैं,मनरेगा के माध्यम से भी मत्स्य तालाब निर्मित किए जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि जिन किसानों को मत्स्य पालन में परेशानी हो रही है उसे शत प्रतिशत दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मत्स्य किसानों के अपार योगदान और टिकाऊ एकुआकल्चर के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की कदर करने का एक सुअवसर है।
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र में हम बेहतर कार्य कर सकते हैं और एक समृद्ध भविष्य बना सकते हैं और राष्ट्र के समग्र विकास में अपना योगदान कर सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसानों, एक्वाउद्यमियों (एक्वा फार्मिंग क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों) और मछुआ बंधुओं द्वारा किए गए योगदान की सराहना करना है। मत्स्य पालन क्षेत्र की उल्लेखनीय उपलब्धियों को उजागर करने और उद्योग में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए इस गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिससे अन्य किसान भी जागरूक एवं प्रेरित होंगे। उन्होंने मत्स्य पालकों से अपने अपने अनुभवों, उपलब्धियों को लगातार व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने की अपील की, जिससे अन्य किसान भी प्रेरित होंगे।
इस अवसर पर जनपद के 20 मत्स्य पालकों को बेहतर कार्य करने हेतु आइस बॉक्स, हैंड नेट, मत्स्य आहार, प्रतीक चिन्ह आदि देकर सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर जनपद मत्स्य प्रभारी कुंवर सिंह बगड़वाल, वैज्ञानिक शी.मा.अनु.नि. डा. गरिमा, प्रभारी वैज्ञानिक शी.मा.अनु.नि. डा. किशोर कुणाल समेत जनपद के विभिन्न मत्स्य पालक उपस्थित रहे।