चंपावत। पहली बार चंपावत नगर में होने जा रहे राष्ट्रीय कुमाऊनी भाषा विकास गोष्ठी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। कुमाऊनी लोक भाषा को व्यापक प्रचार प्रसार एवं उसे घरों में बोलने के लिए हर व्यक्ति को प्रेरित करने हेतु कुमाऊनी भाषा की पत्रिका और “पहरु” के तत्वाधान में यहां तीन दिवसीय 16वा कुमाऊनी भाषा का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है,जो 10 नवंबर से शुरू होगा। यह कार्यक्रम ऐसे समय में किया जा रहा है, जब पलायन के चलते लोग अपनी जड़ों से अलग होते जा रहे हैं। पहरू पत्रिका के संपादक एवं कुमाऊनी भाषा को राष्ट्रीय पहचान देने के लिए अपने को समर्पित कर चुके डॉ हयात सिंह रावत एवं अन्य भाषा प्रेमियों द्वारा ठेट कुमाऊनी भाषा में प्रकाशित इस पत्रिका के प्रशासन के बाद देश-विदेश में रहने वाले प्रवासियों में अपनी माटी व भाषा के प्रति पैदा हुई जागरूकता से सभी का मनोबल बड़ा है।
इस आयोजन के स्थानीय संयोजक डॉ भुवन चंद्र जोशी, डॉ नवीन पंत, डॉ तिलक राज जोशी का कहना है कि गोष्ठी को लेकर यहां के साहित्यकारों,कलाकारों,रचनाकारों एवं हर वर्ग से जुड़े लोगों में काफी उत्साह है। पहरू के संपादक डॉ रावत के अनुसार कुमाऊनी भाषा का चंपावत में आयोजित किया जाने वाला यह पहला सम्मेलन उत्तराखंड की आंचालिक भाषाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा। डॉ रावत के अनुसार अब ओर छोर से यह भी मांग उठने लगी है कि उत्तराखंड में होने वाली यूकेपीएससी व अन्य सभी परीक्षाओं में कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा का समावेश किए जाने की जोरदार मांग उठती जा रही है। उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक व सामाजिक पक्ष को मजबूत करने के लिए इस प्रकार की मांगों पर विचार किया जा सकता है।