लोहाघाट। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आई फ्लू अपना प्रभाव दिखाने लगा है। मैदानी क्षेत्रों से आ रहे आई फ्लू से पीड़ित लोगों से पहले उनके परिवार के लोग चपेट में आ रहे हैं, उसके बाद अन्य आसपास के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। आई फ्लू का मुकाबला करने के लिए उप जिला चिकित्सालय के नेत्र सर्जरी विराज राठी ने कमर कस ली है। डा. राठी के अनुसार प्रतिदिन आई फ्लू से पीड़ितों की तादाद बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि लोगों को किसी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है। आंखों का लाल, गुलाबी होना, खुजली लगना, पानी आना, स्राव की शिकायत होने पर समझ लें कि आई फ्लू की चपेट में आ गए हैं। इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसका एक सप्ताह तक असर रहता है। डा. राठी ने आई फ्लू की चपेट में आने वाले लोगों को कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं। उनका कहना है कि लोग स्वयं डॉक्टर न बनकर अस्पताल में अवश्य परीक्षण कराएं। इस दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाने, आंखों को छूने, मलने से बचें, सैनिटाइजर का प्रयोग करें। दूसरे व्यक्ति का तौलिया, रुमाल का प्रयोग न करें। भीड़भाड़ से बचने का प्रयास करें। कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल कदापि न करें। उप जिला चिकित्सालय में आई फ्लू के रोगियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध की गई है। उधर डा. राठी द्वारा नेत्र रोगियों की दिक्कतों को देखते हुए चिकित्सालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन शुरू करने से उन्हें बहुत बड़ी राहत दी जा रही है। अभी तक एक सौ से अधिक ऑपरेशन किए जा चुके हैं, जो शत-प्रतिशत सफल रहे हैं।