चंपावत। सिप्टी एकल अभियान के तत्वावधान में आचार्य वार्षिक अभ्यास वर्ग प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षुओं ने ‘नशा हटाओ, जीवन बचाओ’ द्वारा नशामुक्त स्वच्छ व स्वस्थ भारत निर्माण की प्रतिज्ञा ली।प्रधानाचार्य सतीश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता एवं उमेश भट्ट के नेतृत्व तथा आचार्या नेहा महर व कविता महर के संचालन में बौद्धिक सत्र का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता अभियान संयोजक जी.आई.सी.सिप्टी प्रवक्ता सामश्रवा आर्य ने जागरूक कर बताया कि हमें यदि बच्चों का जीवन व भविष्य आदर्श एवं उज्ज्वल बनाना है तो सबसे पहले हमें स्वयं अपने जीवन को आदर्श एवं अनुकरणीय बनाना होगा।क्योंकि बच्चे जीवन में सबसे पहले शिक्षक,चिकित्सक एवं उपदेशक इन तीनों सामाजिक आदर्शों का ही अनुकरण करते हैं।इसके लिए प्रथम तीन शिक्षक कहे जाने वाले माता, पिता और आचार्यों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम, श्रीकृष्ण,हनुमान,स्वामी विवेकानंद एवं महर्षि दयानंद जैसे महापुरुषों के शाकाहारी व सदाचारी जीवन चरित्र को अपनाना होगा।जो कि नशाखोरी रूपी सामाजिक बुराई से सदैव दूर रहे।तभी हम बच्चों को उत्तम शिक्षा,संस्कार व सदाचार प्रदान करने के साथ ही उनका जीवन और भविष्य आदर्श बना सकेंगे।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता श्याम सिंह महर ने भी बच्चे के सफल जीवन में माता की भूमिका को सर्वश्रेष्ठ बताया। उक्त अवसर पर कैलाश सिंह महर, चतुर सिंह महर,दीपांशु महर,राकेश सिंह महर आदि सहित समस्त प्रशिक्षु उपस्थित थे।