बनबसा। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की अपने कार्यकाल की पहली शुरुआत करते हुए लोगों में पैठ बनाने की कोशिश की कि इन कार्यक्रमों के जरिए शत प्रतिशत पात्र लोगों को लाभ मिलना चाहिए। जनता के द्वार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य पात्र व्यक्तियों को शत प्रतिशत विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने के साथ स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण कर लोगों की छोटे-छोटे कामों के लिए तहसील व जिला मुख्यालय आने की दौड़ कम कर उन्हें राहत देने के साथ उनका समय व खर्च बचाना है। डीएम ने अधिकारियों से कहा कि सरकार द्वारा उन्हें जनता की सेवा के लिए ही सारी सुविधाएं दी हुई हैं। अधिकारी जन समस्याओं को टरकाने की बजाय जनता का ऐसा विश्वास अर्जित करें कि लोगों को यह एहसास हो कि सरकार उनके लिए कुछ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी विभिन्न योजनाओं को पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए लगातार जनता से संवाद स्थापित करना चाहिए। डिजिटल इंडिया के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भी अब दूरदराज के लोगों से संवाद स्थापित करना आसान हो गया है। जो समस्याएं उनके पास आती हैं, यदि उनके स्तर से निराकरण करना संभव है तो उसमें कतई देर न की जाए तथा जो समस्याएं राज्य स्तर की हैं जिला प्रशासन से पहलकर शासन स्तर को भेजी जाएं।
शिविर में मुख्यतः पेंशन, सड़क,पेयजल, स्वास्थ्य आदि की कुल 22 समस्याएं उठी। समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिन लाभार्थियों द्वारा अभी तक बैंक में केवाईसी जमा नहीं की गई है, उसे तत्काल जमा करें। साथ ही जिन दिव्यांग जनों ने यूडीआईडी कार्ड नहीं बनाए हैं वे शीघ्र बना लें। अन्य समस्याओं के लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को समयबद्ध कार्यक्रम के तहत उनका निराकरण करने का निर्देश दिया। सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के पहले ही दिन लोगों को यह एहसास हुआ कि साशन समयाओं के निराकरण हेतु तत्पर है। कार्यक्रम में जिले के सभी विभागाध्यक्ष मौजूद थे। विभिन्न विभागों की ओर से स्टॉल भी लगाए गए थे। जिनका लोगों ने पूरा लाभ उठाया। शिविर में नगर पंचायत बनबसा की अध्यक्ष रेनू अग्रवाल, सीडीओ आरएस रावत, विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, एसडीएम टनकपुर आकाश जोशी समेत तमाम जनप्रतिनिधियों के अलावा सीएम कैंप कार्यालय के नोडल अधिकारी केदार सिंह बृजवाल भी मौजूद थे।