लोहाघाट।गुमदेश क्षेत्र का प्रसिद्ध 3 दिन चैतौला मेला राम नवमी के दिन से शुरू होगा। गुमदेश के लोगों द्वारा सैकड़ों वर्ष पूर्व से मेले के रीति-रिवाजों मान्यताओं परंपराओं व ऐतिहासिक तथ्यों को यहां के लोगों द्वारा इससे अपने पूर्वजों की महान विरासत मानते हुए सुरक्षित रखा हुआ है। मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने का पुलिस ने तगड़ा बंदोबस्त किया हुआ है। मेला कमेटी के अध्यक्ष हरक सिंह भंडारी के नेतृत्व में सभी गांव के लोग व्यवस्था में जुटे हुए हैं। रामनवमी के दिन विभिन्न गांव के जत्थे चौमू देवता के सिहासन डोले को मंदिर से ले जाने के लिए निर्धारित समय में अपने अपने क्षेत्र से ले जाएंगे।यहां किस गांव का जत्था कब और कहां तक सिहासन ढोला ले जाएगा।इसका बाकायदा शताब्दियों पूर्व से समय व स्थान निर्धारित है। जो आज भी उसी के अनुसार चला रहा है। मेले में भाग लेने के लिए यहां के लोग देश विदेश से आने लगे हैं।यहां ऐसी मान्यता है कि चौमू देवता के इस कार्य में यहां की बेटियां चाहे कहीं भी व्याही हो वे अपने मायके अवश्य आती हैं। इसी प्रकार प्रवासी चाहे कहीं भी हो हुए अपने ईष्ट देवता की शोभायात्रा में अवश्य शामिल होते हैं। मेला आयोजन समिति के गुमान सिंह परथोली मदन कॉलोनी, खीमराज सिंह धोनी, मोहित पाठक, देव सिंह, डूंगर सिंह आदि लोगों का कहना है कि मेले का मुख्य आकर्षण चौमू देवता की सिहासन डोला यात्रा दशमी यानी 31 मार्च को निकलेगी।जिसे देखने के लिए यहां के नेपाल सहित क्षेत्र के 25, हजार से अधिक लोगों के आने की उम्मीद की जा रही है। यहां के गांव में चौमू देवता के शौर्य पराक्रम के वीरगाथा के गीतों का गायन भी शुरू हो गया है।