लोहाघाट। आज की व्यवस्था में प्राय अधिकारी अपने उबाऊ व्यवहार के कारण आम जनता पर भार बनते जा रहे हैं लेकिन कुछ ऐसे अधिकारी होते हैं जो अपने कार्य व्यवहार से लोगों में ऐसा रिश्ता जोड़ जाते हैं कि ऐसे अधिकारी को विदा करते समय हर किसी की आंखें नम हो जाती है। चंपावत जिले में अपने 38 माह के कार्यकाल में डीएचओ टीएन पांडे ने सेब, कीवी, शहद, केसर, फूलो की खेती व मशरूम उत्पादन आदि के क्षेत्र में ऐसा काम कर गए हैं जिसके लिए वह सदा याद किए जाते रहेंगे। डिलीशियस सेव के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले काली कुमाऊं क्षेत्र में मौसमी मार ने लोगों को सेव के एक एक दाने के लिए मोहताज कर दिया था लेकिन पांडे ने सेव की नई जरमाइन ,किंगराड एवं गेलगाला प्रजाति की शुरुआत कर अब जिले के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में सेव से लदे पेड़ देखे जा सकते हैं। पांडे यहां के लोगों को नए फल कीवी से भी परिचित करा गए हैं ।चौथे साल में फल देने वाली यह प्रजाति आने वाले समय में किसानों की तकदीर बदल देगी। यही नहीं उन्होंने यहां कश्मीर में पैदा होने वाला केसर का यहां किया गया ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा। उनके सफल प्रयासों का नतीजा यह निकला की फूलों की खेती एवं ऑर्गेनिक शहद के उत्पादन में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में जिले को प्रथम पंक्ति में खड़ा कर दिया। यहां के जैविक शहद ने अब राष्ट्रपति भवन में भी अपनी जगह बना ली है।
40 साल की सेवा के अंतिम 38 माह में पांडे जिस उद्देश्य व सोच के साथ जिले में आए थे, ईश्वर ने उनके लक्ष्य की सफलता के लिए लोहाघाट में आशीष खर्कवाल, पाटी में प्रदीप पचौली एवं चंपावत में निधि जोशी जैसे एडीओ उद्यान को यहां भेज दिया। जिन्होंने पांडे के साथ कदम से कदम मिलाकर यहां के किसानों के चेहरों में खुशहाली की मुस्कान लाने का पूरा प्रयास किया जिसमें इन तीन उद्यान कर्मियों के समर्पण भाव को कभी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। सामाजिक कार्यों में अग्रणीय रहने वाले गीतांजलि सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र पांडे द्वारा पांडे के सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में वक्ताओं का कहना था कि किसी लोक सेवक की सेवाओं का मूल्यांकन इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके जाने पर जब लोग अपने आंसुओं से भाव व्यक्त करने लगे तो, यह मानना चाहिए कि वह व्यक्ति भले ही जा रहा हो लेकिन वह अपने कार्यों की महक यहां सदा के लिए छोड़ गया। इस अवसर पर नगर पालिका चंपावत की अध्यक्ष प्रेमा पांडे, आईटीबीपी के कमांडेंट डीपीएस रावत, जिला विकास अधिकारी डी एस दिगारी, तहसीलदार जगदीश नेगी, उत्तराखंड के प्रमुख ठेकेदार दिलीप सिंह अधिकारी, इंस्पेक्टर जी एल वर्मा, पीजी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ प्रकाश लखेड़ा, डॉक्टर रवि सनवाल, दीपक पांडे, योगेश पांडे आदि प्रमुख लोग मौजूद थे जिन्होंने डीएचओ के प्रयासों को सराहा बाद में पांडे से तमाम किसान भी मिले जिन्होंने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
