लोहाघाट। देहरादून के राज भवन में चल रहे बसंतोत्सव के खुशनुमा माहौल में चंपावत जिले के जैविक शहद की विभिन्न प्रजातियां ने ऐसी मिठास घोल दी कि इसका स्वाद लेने वालों के मुंह का जायका ही बदल दिया। जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे के नेतृत्व में गए दो दर्जन से अधिक पुष्प एवं शहद उत्पादकों के अलावा उद्यान विशेषज्ञों द्वारा प्रदर्शित हिमालय हनी की एपिस सेराना, वाइल्ड फॉरेस्ट हनी एवं मोनोफ्लोरल हनी ने अपने स्वाद एवं सुगंध से धूम मचा दी। जिसने भी यह जैविक शहद चखा उसके मुंह का जायका ही बदल गया। सभी ने यहां उत्पादित औषधिय गुणों से भरपूर शहद की खूब खरीददारी भी की। शहद की तीनों किस्मों को सर्वश्रेष्ठ स्थान मिलने से यहां के शहद उत्पादकों का काफी मनोबल बड़ा है। स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने चंपावत के जैविक शहद का आनंद लेकर डीएचओ समेत सभी उत्पादकों के प्रयासों की सराहना करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के मॉडल जिला चंपावत में मौन पालन का कार्यक्रम उनकी ड्रीम योजना में शामिल है। इस कार्यक्रम को मॉडल जिले में कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए उद्यान विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब चंपावत जिला जैविक शहद के उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड में पहली पंक्ति में खड़ा होगा। इस टीम में चंपावत,बाराकोट, लोहाघाट एवं पाटी के शहद उत्पादकों के अलावा पुष्प उत्पादक भी शामिल थे। इस टीम में गए एडिओ आशीष रंजन खर्कवाल, प्रदीप पचौली के अनुसार बसंतोत्सव में शामिल चंपावत जिले के उत्पादकों को नई प्रेरणा मिलने के साथ उनके उत्पादों को जिस रूप में लोगों ने हाथों-हाथ लिया है उससे उनका उत्साह वर्धन होने के साथ आगामी वर्ष चंपावत जिले का और बेहतर प्रदर्शन करने का अभी से इरादा बना लिया है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बसंतोत्सव में चंपावत के उत्पादकों द्वारा बेहतर प्रदर्शन करने के लिए डीएचओ एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी है।