लोहाघाट। जिले की अग्रणीय शिक्षण संस्था राजकीय इंटर कॉलेज, लोहाघाट के गौरवशाली इतिहास को लिखने वाले हिंदी साहित्य के प्रकांड विद्वान, शिक्षाविद छात्रों के लिए आजीवन समर्पित एनसीसी अधिकारी कैप्टन प्रहलाद सिंह बिष्ट का 90 वर्ष की आयु में उनके भनौली (अल्मोड़ा) स्थित आवास में निधन हो गया। वह अपने पीछे दो पुत्र व पत्नी को छोड़ गए हैं। उनके बड़े पुत्र त्रिभुवन बिष्ट पीएमजीएसवाई चंपावत खंड के अधिशाषी अभियंता के पद पर कार्यरत है। बिष्ट 1965 से 1982 तक लोहाघाट जीआईसी में हिंदी प्रवक्ता के साथ एनसीसी अधिकारी भी रहे। उनका पूरा जीवन छात्रों के लिए समर्पित रहा। उनके पढ़ाए सैकड़ो छात्र उच्चाधिकारी है। वह 1997 तक वे शिक्षा जगत से जुड़े रहे तथा सेवानिवृत्ति के बाद वह साहित्यिक सेवा, समसामयिक विषयों में व्याख्यान देने के अलावा सामाजिक कार्यों में जुड़ गए। उनका एक प्रवक्ता पुत्र हिमांशु माता-पिता के साथ रहता है। उनके निधन का समाचार मिलते ही समूचे जनपद में शोक की लहर दौड़ गई। उस दौरान जीआईसी लोहाघाट पूरे क्षेत्र का एकमात्र विद्यालय हुआ करता था, जिसके कारण उनके शिष्य पूरे जिले में फैले हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व कबीना मंत्री महेंद्र सिंह महरा,क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पीएचडीसीसीआई के सीईओ एवं सेकेट्री जनरल डॉ रंजीत मेहता,मुख्य शिक्षाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, पूर्व प्रधानाचार्य बंशीधर कलोनी, हरि नंदन जोशी, आदि तमाम लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। जिले के अभियंताओं की लोनिवी के अधिशाषी अभियंता एमसी पलड़िया की अध्यक्षता में हुई शोकसभा में पीएमजीएसवाई लोहाघाट के बीसी नैनवाल, लोनिवी के हितेश कांडपाल, सीएनडीएस जलनिगम के पीएम जीसी पंत, जल निगम के ईई अशोक स्वरूप,एनएच के दीपक जोशी, जल संस्थान के आरपी डोववाल समेत सभी अभियंताओं ने अपने साथी त्रिभुवन को हुए पितृशोक पर दो मिनट का मौन रखते हुए, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
