देवीधुरा। पूर्व चुनाव आयुक्त, यूपी के पूर्व मुख्य सचिव एवं तीन दशक तक पिथौरागढ़ के जिला अधिकारी रहे डॉ अनूप पाण्डे ने श्रीबाराही संस्कृत महाविद्यालय के अनुशासन, आचार्यों के समर्पण भाव की सराहना करते हुए कहा कि समाज में शिक्षा के साथ संस्कारों की आवश्यकता को देखते हुए बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति से बचाने के लिए संस्कृत भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के साथ इसे व्यवहार की भाषा भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने सीमित साधनों के बावजूद महाविद्यालय के बच्चों द्वारा प्रतिवर्ष उत्कृष्ट परीक्षाफल देने के लिए प्राचार्य एवं उनके सहयोगियों के प्रयासों को सराहा। इससे पूर्व डॉ पांडे एवं उनके साथ आए राघव शर्मा का छात्रों ने वेदमंत्रों की ऋचाओं के साथ पारंपरिक रूप से स्वागत किया। प्राचार्य कीर्ति शास्त्री ने उन्हें महाविद्यालय की समस्याओं से अवगत कराया कहा राघव शर्मा के पिता राजी शर्मा द्वारा यहां वेद शिक्षा के प्रसार व प्रचार के लिए वेदाचार्य की अपने स्तर से व्यवस्था करने के साथ ही बच्चों के लिए स्नानागार और शौचालय का निर्माण किया है, जिसके लिए उन्होंने राजी शर्मा के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ पाण्डे ने छात्र-छात्राओं के लिए समर्पित एवं शिक्षा जगत की अपने कार्य व्यवहार से गरिमा व गौरव बढ़ाते आ रहे जीआईसी बापरू के शिक्षक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय को शॉल ओढ़ाकर एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित करते हुए कहा कि हम सबको रोशनी देने एव भविष्य को संवारने वाले शिक्षकों की भूमिका को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस अवसर पर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य कीर्ति शास्त्री ,राघव शर्मा ,वेदाचार्य संजीव पाण्डे ,आचार्य हरिश्चंद्र पांडे ,प्रकाश जोशी , गोपाल पंतोला आदि लोग मौजूद थे। प्रकाश चन्द्र उपाध्याय ने अपने सम्मान के लिए डॉ पांडे के प्रति आभार व्यक्त किया।