लोहाघाट। पशुओं में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा साधनों,संसाधनों व स्टाफ की कमी के बावजूद गावों में पशु चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं। नेपाल के सीमावर्ती गांव में डॉ सुवर्णा भोज ने शिविर लगाकर पशुपालकों को राहत दी। इधर महामारी की रोकथाम के लिए मंगलवार तक चालीस हजार वैक्सीन की डोज जिले में पहुंच जाएगी। महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे आपदा घोषित करने की मांग कर मृतक पशुओं के स्वामियों को मुआवजा देने की क्षेत्रीय विधायक ने सीएम से मांग की है। नेपाल सीमा से लगे मझपीपल गांव में नाथसिंह कठायत, लाल सिंह, खीम सिंह पुजारी, पुष्कर बोहरा, सोबन सिंह की दुधारू गाय तथा भोपाल बोरा की एक गाय व बैल दम तोड़ चुके हैं। मडवा गांव में भी पहलाद सिंह की गाय व बैल मर चुके हैं। विधायक अधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करने के बाद बताया कि प्रत्येक गांव में महामारी ने पशुओं को अपनी चपेट में लिया हुआ है। हालांकि विभाग के लोग पशुओं का उपचार करने में लगे हुए हैं। क्षेत्रीय विधायक ने महामारी के दौरान पशुपालन विभाग के एक डॉक्टर व दो पशुधन प्रसार अधिकारियों की डेयरी में हो रहे चुनाव में ड्यूटी लगाने पर रोष प्रकट करते हुए वहां से उन्हें मुक्त कर उनके स्थान में दूसरे कर्मचारियों को लगाने के लिए जिला प्रशासन से कहा है। उनका कहना है कि ऐसे नाजुक समय में वेटरनरी स्टाफ की सख्त आवश्यकता है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. पीएस भंडारी के अनुसार शासन स्तर से इस संबंध में एसओपी जारी की गई है। वैक्सिंग के जिले में पहुंचने के बाद उन्हें केवल स्वस्थ पशुओं को लगाया जाएगा ताकि उन्हें महामारी की चपेट में आने से बचाया जा सके। बीमार पशुओं के लिए शीघ्र ही दवाओं की खेप पहुंचने वाली है। सीवीयू का मानना है कि लंपी वायरस ने महामारी का रूप ले लिया है इससे शासन व प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है। रोग की रोकथाम के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से भी सहयोग की अपील की गई है।