चंपावत । अपने जीवन को खतरे में डालकर यदि कोई व्यक्ति मौत के मुंह में समा रहे व्यक्ति को नया जीवन देता है , तो वह साधारण मनुष्य नहीं महामानव होता है । यह कहना है जिलाधिकारी मनीष कुमार का । ऐसे लोग समाज में सम्मान के योग्य होते हैं। जिला प्रशासन राज्य स्थापना के 25 वे दिवस पर ऐसे लोगों को सम्मानित करेगा । टनकपुर में जल पुलिस में तैनात रविंद्र कुमार जिन्हें आम लोग पहलवान नाम से जानते हैं ,ऐसे महामानव हैं जिन्होंने 18 साल की सेवा के दौरान टनकपुर में शारदा नदी में 950 से अधिक डूबते लोगों एवं बच्चों को बचाकर उन्हें नई जिंदगी दी है। जिसका उनके पास बकायदा पूरा रिकॉर्ड एवं अखबारों कि कटिंग भी है । इनके कार्य से डूबने से बचे लोगों के परिजनों द्वारा इतनी दुआएं मिली है कि जो सैकड़ों तीर्थ जाने के बाद भी नहीं मिलती है । पहलवान मैं ऐसे देवीय गुण हैं कि वह गौ सेवा के अलावा मुंक जानवरों की सेवा करने का इनमें ऐसा जुनून सवार रहता है कि इनके सेवा भाव को देखते हुए टनकपुर – बनवसा क्षेत्र में लोगों को गौसेवा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है । इनकी महान सोच के अनुसार सीएम धामी यहां गौशालाओं का निर्माण करा रहे हैं ।
दुर्लभ प्रजाति की “महाशीर” मछली के आशियाने शारदा नदी में उन्हें पकड़ने के लिए गिद्ध दृष्टि डालने वाले लोगों को पहलवान किसी दुश्मन से कम नहीं मानते है । उनके होते हुए किसी की मजाल नहीं कि “महाशीर ” के शारदा नदी में फैले संसार में कोई दखल दे सके। हरियाणा के जाट परिवार में जन्मे पहलवान की मानव एवं मूक पशुओ की जो निस्वार्थ सेवा की जा रही है, ऐसे ही लोगों के लिए तो राष्ट्रपति पुरस्कार देने की सोच पैदा हुई थी ।
हर अच्छे कार्य करने वाले किए जाएंगे सम्मानित ।
चंपावत ।अपनी विशिष्ट कार्य संस्कृति व सोच के कारण आम लोगों में पहचान बना चुके जिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि कहीं भी दुर्घटना होने पर पहले पहुंचकर घायलों को निकालने वाले लोगों को भी महामानव कहा जा सकता है ।जो बिना बुलावे पुलिस व प्रशासन के पहुंचने से पूर्व जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे लोगों को बचाने के प्रयास में लग जाते हैं। ऐसे लोग हमेशा सम्मान के पात्र होते हैं ।
