चंपावत। अयोध्या में श्री राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित 9 दिनी सांस्कृतिक महोत्सव के तहत कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत का ब्यानधुरा क्षेत्र का भ्रमण क्षेत्रीय लोगों के लिए यादगार बन गया है। यहां वनों से घिरे शैलशिखरो के बीच में स्थित ब्यानधुरा में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित इस बार का मेला बेहद खास रहा। वजह थी पहली बार कुमाऊं कमिश्नर के रूप में अपने विशिष्ट अंदाज में काम करने वाले दीपक रावत एवं चम्पावत के लोकप्रिय जिलाधिकारी नवनीत पांडे को अपने बीच पाकर लोग बेहद खुश थे। कमिश्नर ने यहां दो दिनी मेले का आगाज करने के साथ अपने नज़रिए से इस तीर्थ धाम को केंद्र बिंदु बनाकर पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, इको टूरिज्म एवं विकास की संभावनाओं का भी जायजा लिया। अपने भावपूर्ण स्वागत से गद – गद कमिश्नर ने लोगों को भरोसा दिलाया कि 2025 में आयोजित होने वाले ब्यानधुरा मेले में यहां की तस्वीर बदली हुई होगी। जिसमें क्षेत्रीय लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने के साथ वही मेले में नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार होगा। कमिश्नर ने अपने अंदाज में क्षेत्रीय लोगों बुजुर्गों से भी कई मुद्दों में जानकारी ली। कमिश्नर के बात करने के अंदाज को लोगों ने खूब सराहा।
उन्होंने धोती पहन कर शुद्धता के साथ ब्यानधुरा बाबा की पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा की तथा उत्तराखंड के लोगों भलाई के लिए उनका आशीर्वाद बने रहने के लिए भी प्रार्थना की। लंबी पैदल दूरी तय करने के बाद यहां पहुंचे कमिश्नर का जिस अंदाज में लोगों ने स्वागत किया उसे देखते हुए उनकी थकान ही मिट गई। इस अवसर पर क्षेत्रीय लोगों ने लंढोर से दांडा के बीच झूला पुल, लंढोर से कठोल तक सड़क मार्ग, ब्यानधुरा मंदिर में बिजली, पानी, मेला क्षेत्र का विस्तार, व सौंदर्यकरण, ब्यानधुरा से सेनापानी तक पैदल मार्ग की मरम्मत आदि तमाम मांगों को स्वीकार करते हुए कमिश्नर ने शीघ्र इनकी डीपीआर बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया। साथी ही कहां की जिलाधिकारी इन कार्यों की समय-समय पर समीक्षा कर कार्यों को गति देंगे। कमिश्नर ने लंढोर वन विभाग की चौकी का भी निरीक्षण किया तथा वन कर्मियों को जल संरक्षण के उपाय को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। सेनापानी में भंडारा चला रहे चंपावत के शिव भक्ति द्वारा भी कमिश्नर का स्वागत किया गया। उनके भ्रमण में टनकपुर के एसडीएम आकाश जोशी, तहसीलदार, वन क्षेत्राधिकारी आदि कई लोग पूरे समय साथ थे।