लोहाघाट।नेपाल सीमा से लगे लोहाघाट एवं चंपावत ब्लॉकों के लोगों के प्रति यदि सरकार मेहरबान हो जाए तो सीमावृती चेत्रों के जीवन की जटिलताएं कम होने के साथ उन्हें न केवल बड़ी राहत मिलेगी बल्कि आवागमन की दूरी 120 किलोमीटर कम भी हो जायेगी ।इस संबंध में प्रगतिशील किसान मोहन चंद्र पांडेय ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर इस ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है।ज्ञापन में कहा गया है की सीमावर्ती क्षेत्रों में लोहाघाट व चंपावत ब्लॉकों के आपस में न केवल सामाजिक,रोटी बेटी के रिश्ते हैं बल्कि हर पर्व एवं त्यौहारों में आने जाने के लिए 150 किलोमीटर का सफर भी तय करना पड़ता है। जिसमे उनके धन व समय की खूब बर्बादी होती है ।
श्री पांडे के अनुसार यदि डुंगराबोरा कायल सड़क से चंपावत ब्लॉक के नीड या हरम को जोड़ा जाता है तो इससे उनकी दूरी 150किलोमीटर से कम होकर मात्रा 30 किलोमीटर रह जायेगी।दोनो ब्लॉकों का विभाजन करने वाली लोहावती नदी में वर्ष मैं इतना पानी रहता है की पैदल चलने वालों की 6 माह तक राह थम जाती है।यदि वाहन से यात्रा करते हैं तो पूरा दिन बर्बाद होने के साथ उन्हें आने जाने में ही एक हजार रूपए खर्च करने पड़ते हैं।लोहावती नदी में मोटर पुल बनने से राहगीरों की जिंदगी भी आसान हो जायेगी। उक्त सड़क बनने से नेपाल सीमा की निगरानी कर रहे एसo एसo बीo के जवानों को भी राहत मिलेगी। यही नहीं सीमावृति गांवों के लोगों को 108 आपात सेवा का भी लाभ मिलने लगेगा। वर्तमान में एसo एसo बीo के जवानों को एक बॉर्डर आउटपोस्ट (बीo ओo पीo) से दूसरी बीo ओo पीo में जाने के लिए वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। आपात स्थिति में तो उनकी दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।