लोहाघाट। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने अपनी ग्राम पंचायत को आदर्श रूप देकर गांव के विकास में सामूहिक जन सहभागिता के माध्यम से ऐसी ग्राम पंचायत का कैसे निर्माण कर सकते हैं? जहां कोई न गरीब हो, सबके लिए पीने का पानी हो, खेत लहलहाते हों,गांव को ऐसा आदर्श स्वरूप मिला है, जिसे अन्य गांव के लोग अनुकरण कर रहे हों। गांव को प्रत्येक इकाई अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने के कारण एक भी व्यक्ति बीमार नहीं है। जहां नारी को नारायणी माना जाता हो, बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए गांव के हर व्यक्ति में प्रतिस्पर्धा हो, ऐसे गांव की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत केयर एंड नीड वेलफेयर सोसाइटी के विषय विशेषज्ञों का तीन दिनी प्रशिक्षण शुरू हो गया है। शिविर का शुभारंभ करते हुए वीडीओ अशोक अधिकारी ने कहा कि जिस घर में नौ बिंदुओं पर थीम विकसित होने लगेगी, उस घर से वास्तव में कर्णधार पैदा होंगे जो भारत माता के माथे को और ऊंचा कर सकेंगे।
केयर एंड नीड वेलफेयर सोसाइटी के विषय विशेषज्ञ डॉ प्रीति डिमरी, गिरीश नौटियाल, गिरीश जोशी, हरेंद्र सिंह नेगी, महावीर सिंह डॉ आरसी रावत, गिरीश डिमरी ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने पूर्वजों की उस सर्वजन हिताय की भावनाओं को भूल गए हैं, जहां हर कार्य श्रमदान से हुआ करते थे। गांव की प्रत्येक इकाई गांव के विकास के लिए लगी रहती थी। पेड़ों व जल में देवता का दर्शन कर प्रकृति का संरक्षण किया करते थे। इन्हीं भावनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए पंचायती राज विभाग के सौजन्य से ग्राम स्वराज अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए हमारा प्रयास जारी है। इस कार्यशाला में ग्राम विकास से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। इससे पूर्व पंचायत विकास योजना एवं थीम आधारित कार्यशाला का समारोह पूर्वक समापन किया गया।