लोहाघाट। आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा विभाग ने रक्षाबंधन के अवसर पर ऐसी “बीज राखी” तैयार की है जो भाई बहनों के मजबूत रिश्तों की ऐसी गवाह बन रही है कि बहन द्वारा भाइयों को राखी बांधने के साथ जिस कागज में राखी बंधी है, उस कागज को ऐसा रूप व स्वरूप दिया गया है कि उसके जमीन के संपर्क में आने के बाद उसमें रखे जड़ी बूटीयो व बनऔषधियो के पौधे खुद अंकुरित होकर “धरती माता के आंचल” का हिस्सा बन जाएंगे। जिला आयुर्वेदिक यूनानी एवं चिकित्साधिकारी डॉ आनंद सिंह एवं वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ प्रकाश बसेड़ा व डॉ भास्कर ने विभाग द्वारा निर्मित पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने वाली बीज राखियो को बहनों में वितरण किया गया। सोनिया आर्या, हेमा मुरारी, पार्वती जोशी, निर्मला ओली, लीना खर्कवाल,शोभा मुरारी का कहना था कि विभाग द्वारा तैयार की गई “बीज राखियो” के पीछे ऐसी सोच है कि हमारा धरती माता के साथ निकट का संबंध व उनका आंचल हरा भरा रहेगा तो तभी हमारा राखी का प्रेम सार्थक होगा।