लोहाघाट। गुमदेश क्षेत्र के प्रसिद्ध ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक मेले के मुख्य दिन लगभग बीस हजार से अधिक लोग चोमू देवता की भव्य शोभायात्रा के साक्षी बने। मेले में शामिल होने के लिए यहां देश-विदेश से प्रवासी लोग आए हुए थे। मतदान दिवस के कारण सड़कों में सामान्य यातायात की सुविधा न मिलने के कारण तमाम लोग शामिल नहीं हो पाए। दिन में दो बजे मड़गांव से चोमू देवता की शोभायात्रा शुरू हुई। यहां गुरुवार ही जम्मू देवता की जमान इस गांव में पहुंची थी उसके बाद यहां रात भर भजन कीर्तन का दौर जारी रहा। चोमू देवता कि शान में महिलाओं द्वारा पारंपरिक गीतो का गायन किया गया। चोमू देवता के धामी राहुल सिंह सिंहासन डोले में विराजमान हुए। इसी स्थान से उनकी शोभायात्रा चमदेवल के चोमू देवता मन्दिर के लिए रवाना हुइ। जहां मार्ग में शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। जो विभिन्न गांवों से होते हुए 4:30 बजे चंदेवल पहुंचे शोभायात्रा में चोमू देवता के डोले के पीछे महिलाएं मांगलिक गीत गाते हुए चल रही थी। शोभा यात्रा पर चमदेवल पहुंचे पूरा मैदान लोगों से भर गया। यहां बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, हल्द्वानी आदि स्थानों से व्यापारी आए हुए हैं। शोभा यात्रा द्वारा मंदिर की परिक्रमा करने के बाद धामी जी ने चंवर झुलाकर सभी को अपना आशीर्वाद दिया।मंदिर के कुल पुरोहित आचार्य मदन कॉलोनी द्वारा पूजा अर्चना कराई गई। मेला आयोजन के अनुसार मेले में बीस हजार से अधिक लोग भगवान चोमू देवता के रथ यात्रा के साक्षी बने मेले में पुलिस का व्यापक बंदोबस्त किया गया था कहीं कोई अपराधिक घटना नहीं हुई।