लोहाघाट। स्वामी विवेकानंद राजकीय पीजी कॉलेज में कार्यरत दो सहायक प्रोफेसरों के बीच चल रहा विवाद प्राचार्य प्रो संगीता गुप्ता की मध्यस्थता के बाद समाप्त हो गया है। इसी के साथ इस मुद्दे को लेकर दोनों ओर से थाने में दिए गए आवेदन पत्र वापस ले लिए गए हैं जिसमें दोनों ने एक दूसरे के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। मालूम हो कि महाविद्यालय में भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अर्चना त्रिपाठी ने अपने ही साथी भौतिक विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एसपी सिंह के विरुद्ध कई आरोप लगाते हुए थाने में प्रार्थना पत्र देकर उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। इसी के साथ उनके प्रतिद्वंदी डॉ एसपी सिंह ने भी उनके विरुद्ध तमाम आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी गई थी। यह घटना तब हुई जब प्राचार्य विभागीय कार्यों को लेकर निदेशालय गई हुई थी तथा दोनों अधीनस्थ प्रोफेसरों ने उक्त घटना को उनके संज्ञान में नहीं लाया गया और न ही उनसे कोई अनुमति प्राप्त की गई थी ।
महाविद्यालय का विवाद थाने पहुंचने से आहत प्राचार्य ने आज लौटने के बाद दोनों पक्षों की बात सुनने के उपरांत विवाद समाप्त हो गया है। प्राचार्य ने इस बात पर अप्रसन्नता व्यक्त कि की महाविद्यालय के अंदरुनी विवाद को चहारदिवारी से बाहर ले जाने के बजाय उनके संज्ञान में लाया जाना चाहिए था जिससे महाविद्यालय की गरिमा व गौरव पर आंच नहीं आती। बहरहाल दोनों सहायक प्रोफेसरों ने इस बात को एहसास करते हुए कहा कि वे निकट भविष्य में ऐसा आपसी विवाद नहीं करेंगे जिससे महाविद्यालय जो स्वामी विवेकानंद जी के नाम से संचालित किया जा रहा है, की गौरवशाली पृष्ठभूमि में कोई आंच आएगी। इस विवाद के समाप्त होने पर अभिभावकों एवं छात्रों ने भी राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि जिस महापुरुष के नाम पर महाविद्यालय संचालित हो रहा है, वहां ऐसे विवादों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।