लोहाघाट। गुरुद्वारा श्रीरीठा साहिब क्षेत्र शीघ्र ही पर्यटन एवं तीर्थाटन के क्षेत्र में विश्व मानचित्र में उभर कर सामने आएगा। इसी के साथ चंपावत जिले में पर्यटन विकास के नए युग की शुरुआत होगी। यह बात जिलाधिकारी नरेश सिंह भंडारी ने श्रीरीठा साहिब में होने वाले सालाना जोड़ मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देने के बाद कहीं। उनका कहना था कि जिले के प्रवेश द्वार टनकपुर में पूर्णागिरि धाम, पश्चिमी छोर में मां बाराही धाम देवीधुरा तथा लधियाघाटी क्षेत्र में स्थित गुरुद्वारा श्रीरीठा साहिब जिले की ऐसी धाती हैं जिन पर हम सब को गर्व है। तीनों स्थानों को पर्यटन ग्रिड से जोड़ने का प्रयास किया गया है। मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्रीरीठा साहिब का नाम दुनिया के श्रद्धालुओं के हृदय में है, वह गुरु नानक देव जी महाराज द्वारा अपनी आध्यात्मिक शक्ति के बल पर यहां कड़वे रीठे में किस प्रकार मिठास आई है, उस चमत्कार को वह अपनी आंखों से देखने के लिए यहां आना चाहते हैं। श्रीरीठा साहिब की अब मैदानी क्षेत्रों से दूरी कम होने के कारण निकट भविष्य में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए यहां का मास्टर प्लान तैयार कर नागरिक सुविधाओं का विस्तार करने के साथ पर्यटकों के मनोरंजन के अलावा उन्हें जिले की अन्य वादियों से जोड़ा जाएगा। देसी विदेशी पर्यटकों की मांग के अनुरूप दिल्ली से रीठा साहिब तक हेली सेवा शुरू करने की भी पहल की जा रही है इससे जिले के अन्य स्थानों का भी श्रद्धालु दिलकश नजारा देख सकेंगे।


डीएम ने बताया कि श्रीरीठा साहिब में तीर्थ यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां आयोजित होने वाले सालाना जोड़ मेले को एक माह का आयोजित करने पर भी विचार किया जाएगा। यह मेला ऐसे समय में होता है जब मैदानी क्षेत्रों में गर्मी अपने यौवन पर होती है। ऐसे माहौल में हर व्यक्ति गर्मी से राहत पाने के लिए यहां आकर तीर्थाटन करने के साथ हिमाचल के शांत वादियों का लुत्फ उठा सकेंगे। डीएम के अनुसार हैली सेवा से जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों को भी जोड़ा जाएगा माo मुख्यमंत्री द्वारा चम्पावत को मॉडल जिले का रूप देने की जो परिकल्पना की गई है उसमें धीरे-धीरे पंख लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब चंपावत जिला पर्यटन एवं तीर्थाटन के क्षेत्र में एक ऐसा मोटो जिला बनेगा, जहां आने के लिए देश विदेश के लोग लालायित होंगे।
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तीर्थयात्रियों का करें मेहमान की तरह स्वागत।
लोहाघाट जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे मेले में देश विदेश से आने वाले सभी श्रद्धालुओं का अपने घर के मेहमान की तरह ऐसा स्वागत करें जिससे उत्तराखंड की महान संस्कृति एवं प्रवत्ति से परिचित हो सकें उनके सामने बुरांश का जूस काफल, मंडुवे की नमकीन, बिस्कुट, पूलम, आडू़, खुमानी आदि जैविक उत्पादों को उन्हें परोस कर उनका स्वाद बदलें। उनके साथ ऐसा आत्मीय व्यवहार करें जिसे वह गांठ बांध कर अपने साथ ले जाकर दुसरे अन्य लोगों को यहां आने के लिए प्रेरित करेंगे।

By Jeewan Bisht

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