चम्पावत। ईश्वर ने पग-पग पर हमें जड़ी बूटियों के भंडार देने के साथ बुजुर्ग इसका ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी बाटते आ रहे थे तब हम लोग पूरी तरह आरोग्य रहते थे । आधुनिकता की दौड़ में हमने प्रकृति , संस्कृति व आयुर्वेद से नाता तोड़कर स्वयं को अनेक रोगों का घर बना दिया है । दसवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का नर्सिंग कॉलेज चम्पावत में आयोजित संगोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर सुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि नगर पालिका की चेयरमैन प्रेमा पांडेय ने कहा कि जब से हमने अपने पूर्वजों के ज्ञान व अनुभव को नजरअंदाज कर श्रम से दूरी बनाई, उसी समय से हमारी मातृ शक्ति कमजोर होती गई वही महिला जो पहले खेतो में काम करते हुए स्वयं प्रसव कर टोकरी में बच्चे को घर ले आती थी वही महिलाये आज अनेक रोगों से घिर गई हैं। विशिष्ट अतिथि सीडीओ डॉ जी एस खाती ने कहा पहले जब अस्पताल नहीं होते थे हमारे गाँव के लोग जड़ी बूटियों एवं वन औषधियों से ही अपना उपचार कर लिया करते थे। जरूरत इस बात की है कि हम कैसे अपने पूर्वजों के ज्ञान व अनुभव से आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का समावेश कर ऐसा वातावरण तैयार करें जिससे सभी लोग प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रह सके । उन्होंने कहा इस गंभीर विषय पर चिंतन व मनन किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधान मंत्री जी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा जिन्होंने पूर्वजो की इस विधा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है गोष्ठी की अध्यक्षता नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ रश्मि रावत एवं संचालन आयुष के नोडल अधिकारी डॉ सुधाकर गंगवार ने किया ।
इससे पूर्व जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ आनंद सिंह गुसाई व अन्य लोगों ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि समेत सभी नर्सिंग कॉलेज के छात्र छात्राओं का स्वागत किया गोष्ठी में महिलाओं में रजो निवृत्ति पर डॉ जेबा मलिक ने विचार रखे वही डॉ लता मेलकानी ने गर्भावस्था में वरती जाने वाली सावधानियों के वारे में विचार रखे सर्जन डॉ भास्कर ने डायबिटीज व हाइपरटेंशन , वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ प्रकाश बसेड़ा ने वृद्धावस्था में होने वाले रोग व उनके निवारण के उपाय बताए डॉ सुमन से महिलाओं में गलत खान पान से होने वाले रोगों की जानकारी दी।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ आनंद सिंह ने दावे के साथ कहा की मनुष्य का जब तक प्रकृति से आत्मसात रहेगा, वह उतना ही विमारियों से दूर रहेंगे। इस अवसर पर योग अनुदेशक सोनिया आर्य के दिशा निर्देशन में लीला जोशी, कमला देवी ने गर्भावस्था में किये जाने वाले योग क्रियाओ का प्रदर्शन किया। योग अनुदेशक विजय देउपा ने नौली क्रिया व विशिष्ट योगासनो का प्रदर्शन कर सब की तालियां बटोरी अंत मे कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ रश्मि रावत ने कहा आयुर्वेद के जानकारों ने ज्ञान की जो अमृत वर्षा की है यदि उसको जीवन मे अपनाया जाए तो हमारा अस्पतालों से लगातार फासला दूर होता जाएगा।
