देवीधुरा। बाराही धाम में आज विशिष्ट लय एवं शुर पर तैयार की गई मां बज्र बाराही चालीसा का मुख्य अतिथि ज्योति राय समेत तमाम श्रद्धालुओं द्वारा लोकार्पण किया गया। स्व. श्रीमती चंद्रा जोशी द्वारा लिखित मां बाराही चालीसा को मां के अनन्य उपासक कानीकोट निवासी विजय मेहता ने स्वर देकर उसे और रसीला एवं भावनाओं से भर दिया है, जो श्रोताओं द्वारा बेहद पसंद की गई। श्री मेहता द्वारा बाराही धाम में ही शूटिंग कर यहां के विभिन्न मंदिरों एवं दर्शनीय स्थलों का फिल्मांकन कर बाराही चालीसा में इसका समावेश किया गया है। श्री मेहता के अनुसार बाराही चालीसा के द्वारा नयी पीढ़ी को एक ऐसी सांस्कृतिक विरासत देने जा रहे हैं, जो उन्हें सनातन से जोड़े रखने के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी इस विरासत को आगे बढ़ते रहेंगे। बाराही चालीसा को यूट्यूब में भी बाकायदा सुना जा सकता है।
इसे तैयार करने में स्व. चंद्रा जोशी के काव्य प्रतिभा के धनी पुत्र हिमांशु जोशी, बाराही मंदिर कमेटी के सभी लोगों, संस्कृत महाविद्यालय व राजकीय महाविद्यालय के विद्वान लोगों का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिला है, जिसके लिए श्री मेहता ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बाराही चालीसा का भी वितरण किया गया तथा मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी लोगों ने विजय मेहता के सराहनीय प्रयास के लिए जहां उन्हें बधाई दी, वहीं स्व. लेखिका चंद्रा जोशी का भावपूर्ण स्मरण भी किया गया। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा गीतांजलि सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र पांडे, रोशन भाभी पीढ़ी को सनातन से जोड़ने एवं उन्हें धर्म कर्म से बांधे रखेगी यह प्रयास मेहता
मां बाराही चालीसा का समारोह पूर्वक किया गया लोकार्पण
देवीधुरा बराई धाम में आज विशिष्ट शुरू एवं लाइव पर तैयार की गई मां बजरंग बरही चालीसा का मुख्य अतिथि ज्योति राय समेत तमाम श्रद्धालुओं द्वारा लोकार्पण किया गया स्वर्गीय श्रीमती चंद्र जोशी द्वारा लिखित 12 ही चालीसा को मां के उपासक कहानी कोर्ट निवासी विजय मेहता ने स्वर देकर उसे और रसीला एवं भावनाओं से भर दिया है जो श्रोताओं द्वारा बेहद पसंद की गई श्री मेहता द्वारा बाराही धाम में शूटिंग कर यहां के विभिन्न मंदिरों एवं दर्शनीय स्थलों का फिल्मांकन कर 12 ही चालीसा में इसका समावेश किया गया है श्री मेहता के अनुसार 12 ही चालीसा के द्वारा हुए नई पीढ़ी को एक ऐसी सांस्कृतिक विरासत देने जा रहे हैं जो उन्हें सनातन को जीवंत रखने के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी इस विरासत को आगे बढ़ते रहेंगे 12 ही चालीसा को यूट्यूब में भी बाकायदा सुना जा सकता है
इसे तैयार करने में स्वर्गीय चंद्र जोशी के काव्य प्रतिभा के धनी पुत्र हिमांशु जोशी बाराही मंदिर कमेटी के सभी लोगों संस्कृत महाविद्यालय वह राजकीय महाविद्यालय के विद्वान लोगों का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिला है इस अवसर पर 12 ही चालीसा का भी वितरण किया गया तथा मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी लोगों ने विजय मेहता के सराहनीय प्रयास के लिए जहां उन्हें बधाई दी वहीं स्वर्गीय लेखिका चंद्र जोशी का भावपूर्ण स्मरण भी किया गया समझ में अन्य लोगों के अलावा गीतांजलि सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र पांडे, रोशन लमगड़िया, ललित कुंवर, एलडी जोशी आदि तमाम प्रमुख लोग भी मौजूद थे