
लोहाघाट। कृषि विज्ञान केंद्र में जीआईसी किमतोली में अध्यनरत ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र छात्राओं ने प्रक्षेत्र भ्रमण कर कृषि, बागवानी,वैमौसमी सब्जीयों, दुधारू पशुपालन, मुर्गी पालन आदि की आधुनिक तकनीक के साथ कम भुमि में अधिक उत्पादन पैदा करने का भी हुनर सीखा। केंद्र की प्रभारी अधिकारी डॉ अमरीश सिरोही ने स्कूली बच्चों व उनके टीम लीडर शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा हर व्यक्ति के पास कुछ न कुछ जमीन होती है। तथा खेत से उनका परंपरागत नाता रहता है। वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में रहे कृषि से अपना नाता अवश्य बनाए रखें। उन्होंने प्राकृतिक खेती व पौष्टिक अनाज की भी जानकारी दी। पशु वैज्ञानिक डॉ सचिन पंत ने दुधारू पशु पालन,मुर्गी पालन आदि की आधुनिक तकनीक बताई तथा कंपोस्ट खाद बनाने की भी जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक डॉ रजनी पंत ने पालीहाउस, पॉलीटनल, मल्चिंग विधि से वैमौसमी सब्जियों का उत्पादन करने तथा पानी की कमी के कारण टपक सिंचाई अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने फल, फूल, सब्जी का उत्पादन बढ़ाने के लिए मौन पालन पर भी जोर दिया। डॉ पंत ने किवी के पौधे लगाने पर भी बल देते हुए कम भुमि में इंटीग्रेटेड फार्मिंग की आवश्यकता बताई।
पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ भूपेंद्र खडायत एवं डॉ पूजा पांडे ने फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए पारंपरिक उपायो की जानकारी देने के साथ पौधों को विभिन्न प्रकार के हानिकारक किटो से बचाव के लिए जीवामृत का प्रयोग करने को कहा। छात्र-छात्राओं ने केवीके कि प्रत्येक गतिविधियों पर खाशी दिलचस्पी दिखाई तो सभी वैज्ञानिकों से तमाम सवाल पूछ कर अपनी जिज्ञासा को भी शांत किया। बच्चों के साथ गए मार्गदर्शक शिक्षक मुरली मनोहर, संतोष सिंह, हेम कर्नाटक, राखी गहतोड़ी, सीमा पांडे, आशा राय ने भी कृषि तकनीक को सीखने में रुचि दिखाते हुए वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
