चम्पावत – त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव का बिगुल बज चुका है । ग्रामीण क्षेत्रो की राजनीतिक में एकाएक भूचाल सा आ गया है । हर व्यक्ति की चाह विभिन्न पदों को लपकने की हो रही है । कभी किसी का सम्मान न करने वाले लोगआये दिनों कमर झुकाकर प्रणाम कर रहे हैं । उनमें एकाएक जन सेवा का भाव छलकने लगा है । सब में अपनी जाति बिरादरी , राठ का कीड़ा लगने लगा है ।किंतु किसी की ऐसी हिम्मत नहीं है कि जो कहे कि” मैंने आपकी ऐसी सेवा की है” इस सेवा कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए । ऐसी बात नहीं की कुछ ऐसे भी जनप्रतिनिधि हैं जिन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार लोगों की कसौटी में खरा उतरने का पूरा प्रयास किया है। आम जनता भले ही चुप बैठी रहती है लेकिन उनकी पारखी आंखें सब कुछ देखती रहती है ।मतदाताओं को पटाने के लिए शिकार भात, शराब मुर्गों का दौर शुरू हो गया है । नशा मुक्ति उत्तराखंड का नारा देने वाले लोगों को शराब परोसते देखा जा सकता है । चुनाव आते ही सबसे अधिक पीड़ित महिलाए हो जाती है । जो मुफ्त में शराब मिलने से उनका पारिवारिक माहौल से सकून एव शांति कपूर की तरह उड़ जाती है ।और महिलाए ऐसे लोगो को अपना तथा अपने परिवार का दुश्मन मानने लगती है ।ऐसे सामाजिक माहौल में एक ऐसा युवा नेता है जो साल में 365 दिन अपने को समाज सेवा से जोड़े रखता है । अपने से बड़ों को झुक कर प्रणाम करना उसके संस्कारों में मिला है
जब भी लोग विपत्ति में होते हैं तो उन्हें भगवान के बाद उस युवा की ही याद आ जाती है । समाज की हर दुख सुख, सामाजिक समारोह कोई ऐसे नहीं होते जहां वह युवा खड़ा नहीं रहता इस युवा के पास कुछ भी नहीं है लेकिन सेवा करने के लिए छोटे-मोटे कार्य कर लेता है सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें सेवा भाव ऐसा कूट-कूट कर भरा हुआ है कि इसके पास लोगों की दुआओं की ऐसी पूंजी है जो धनवान से धनवान व्यक्ति के पास भी नहीं है । यह व्यक्ति है ” सचिन जोशी ” जिसे सेवा के संस्कार उसकी माताश्री के दूध से मिले हैं । जब छात्र जीवन में अन्य छात्र गरीबी के कारण अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नही कर पाते थे तब सचिन उनके लिए किताबों की व्यवस्था एवं उनकी दिक्कतों को दूर कर उनका बड़ा सहारा बना करते थे । यही वजह थी कि छात्रों ने वर्ष 2008 में 22 वर्षीय सचिन को जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुनाव मैदान में उतारा और वह पूर्व विधायक की पत्नी को हराकर सुर्खियों में आ गऎ।
कोरोना काल में जब मानवता मानवीय संवेदना के लिए कराह रही थी तब सचिन ने घर-घर जाकर तथा कोंरनटाईंन में फंसे लोगों की जो सेवा की उसे लोग कभी भूल नहीं सकते । सचिन ने जिला पंचायत के अपने कार्यकाल में हर गांव में जो काम किया वह आईने की तरह आज भी दिखाई दे रहे हैं । वर्तमान में सचिन को चारों ओर से चुनाव मैदान में उतरने की यह कहकर ऑफर आ रहे हैं कि हम आपकी सेवा भावनाओं को और आगे बढ़ाने के लिए ताकत देना चाहते हैं ।सचिन का ऐसा समग्र सोच रहा है कि उन्होंने प्रसिद्ध हरेश्वर धाम में लोहावती नदी में पुल बनाने के लिए ऐसी मजबूत पहल की थी कि जबकि यह काम दूसरे क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य का होता था । इस पुल से लोगों को इतनी बड़ी राहत मिली हैं कि हर वक्त वहां हके लोग इन्हें याद करते रहते हैं । सचिन इतने भाग्यशाली युवा है कि इन्हें पत्नी के रूप में सुनीता जोशी “व लक्ष्मी” के समान उनके घर में आने से अब इनके सेवा के चार हाथ हो गये है अपने परिवार के उच्च आदर्श संस्कारों में पली उच्च शिक्षा प्राप्त सुनीता ऐसी आदर्श महिला है जिनमें आदर्श नारी के ऐसे सभी गुण हैं जो दूसरों की खुशी में अपनी प्रसन्नता देखती है । सचिन एकमात्र त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में यदि प्रत्याशी होते है तो लोग उनकी सेवाओं में अपना हाथ बटाकर पुण्य कमाने के लिए इनको समर्थन देने हेतु ऐसा मन बनाए हुए हैं जिन्हें शराब व पैसे से भी विचलित नहीं किया जा सकता
